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Chapter 15 - मातुलचन्द्र


S.No.-QUESTIONS
ANSWERS
Page No 85:- Question-1- बालगीतं साभिनयं सस्वरं गायत।
इसे विद्यार्थी स्वयं अभिनय करके गाएँ।
Page No 85:- Question-2-पद्यांशान् योजयत-
मातुल! किरसि   =  कथं न स्नेहम्
तारकखचितं   =  चन्द्रिकावितानम्
त्वरितमेहि मां   =  श्रावय गीतिम्
अतिशयविस्तृत   =  नीलाकाशः
धवलं तव   =  सितपरिधानम्
Page No 85:- Question-3-पद्यांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क)   प्रिय   मातुल!   वर्धय   मे   प्रीतिम्।
(ख)   कथं   प्रयास्यसि   मातुलचंद्र।
(ग)   नैव   दृश्यते   क्वचिदवकाशः।
(घ)   मह्यम्   दास्यसि   मातुलचन्द्र!
(ङ)   कथमायासि   न   भो!   मम   गेहम्।
Page No 85:- Question-4- प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(क)   अस्मिन्   पाठे   चन्द्रः   मातुलः।
(ख)   नीलाकाशः   अतिश्यविस्तृतः   अस्ति।
(ग)   मातुलचन्द्रः   स्नेहम्   न   किरति।
(घ)   गीतिं   श्रावयितुं   शिशुः   चन्द्रं   कथयति।
(ङ)   चन्द्रस्य   सितपरिधानं   तारकखचितं   अस्ति।
Page No 86:- Question-5-उदाहरणानुसारं निम्नलिखितपदानि सम्बोधने परिवर्तयत-
यथा-      चन्द्रः   -   चन्द्र!
(क)   शिष्यः   -   शिष्य!
(ख)   गोपालः   -   गोपाल!
यथा-     बालिका   -   बालिके!
(क)   प्रियंवदा   -   प्रियंवदे!
(ख)   लता   -   लते!
यथा-      फलम्   -   फल!
(क)   मित्रम्   -   मित्र!
(ख)   पुस्तकम्   -   पुस्तक!
यथा-      रविः   -   रवे!
(क)   मुनि:   -   मुने!
(ख)   कविः   -   कवे!
यथा-      साधुः   -   साधो!
(क)   भानुः   -   भानो!
(ख)   पशुः   -   पशो!
यथा-      नदी   -   नदि!
(क)   देवी   -   देवि!
(ख)   मानिनी   -   मानिनि!
Page No 87:- Question-6-मञ्जूषात: उपयुक्तानाम् अव्ययपदानां प्रयोगेणरिक्तस्थानानि पूरयत-
(क)   जगन्नाथपुरी   कुत्र   अस्ति?
(ख)   त्वं   कदा   पुरीं   गमिष्यसि?
(ग)   गङ्गानदी   कुतः   प्रवहति?
(घ)   तव   स्वास्थ्यं   कथम्   अस्ति?
(ङ)   वर्षाकाले   मयूराः   किम्   कुर्वन्ति?
Page No 87:- Question-7-तत्समशब्दान् लिखत-
मामा     मातुल।
मोर     मयूरः
तारा     तारकम्
कोयल     कोकिलः
कबूतर     कपोतः